छत्तीसगढ़ के बिलासपुर कलेक्ट्रेट में गुरुवार को जमकर हंगामा हुआ। अपने लिए बेहतर आवास और सुविधाओं की मांग कर रहीं महिलाओं को डिप्टी कलेक्टर ने जेल भेजने की चेतावनी दे डाली। महिलाएं अपनी मांगों को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने के लिए पहुंची थी। इस दौरान वे ‘प्रशासन मुर्दाबाद’ के नारे लगाने लगीं, जिसके चलते डिप्टी कलेक्टर नाराज हो गए। हालांकि बाद में महिलाओं से ज्ञापन ले लिया गया।

दरअसल, नाग नागिन बांबे आवास चांटीडीह के पास रहने वाले लोगों को अन्य जगह पर विस्थापित किया जा रहा है। वहां आवास की बेहतर सुविधा नहीं मिलने के कारण करीब 70 की संख्या महिलाएं कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने के लिए पहुंच गईं। इस दौरान महिलाओं ने वहां प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करनी शुरू कर दी। शोर सुनकर डिप्टी कलेक्टर तुलाराम भारद्वाज बाहर निकल आए और नारेबाजी करने पर जेल भेजने की चेतावनी दे डाली।

अंदर अफसरों की बैठक होने के का कारण जताई नाराजगी

डिप्टी कलेक्टर भारद्वाज ने कहा कि मंथन कार्यालय में संभाग स्तरीय बैठक चल रही है। वहां बड़े-बड़े अधिकारी आए हुए हैं और तुम लोग यहां नारेबाजी कर रहे हो। महिलाओं ने कलेक्टर से मिलने की इच्छा जताई तो डिप्टी कलेक्टर ने कह दिया कि वे नहीं मिलेंगे। इस पर महिलाओं ने बैठक के संबंध में जानकारी नहीं होने की बात कहते हुए उनसे ज्ञापन लेने का आग्रह किया। तब कुछ महिलाओं को कलेक्ट्रेट के अंदर बुलाकर ज्ञापन लिया गया।

महिलाओं का आरोप- आवास जर्जर, न उनमें दरवाजे, न खिड़की

विस्थापित किए जाने के विरोध में नगर निगम और अन्य के विरुद्ध हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई थी। वहीं महिलाओं का आरोप है कि जहां उन्हें विस्थापित किया जा रहा है वहां न तो बिजली है, न पानी है। मकान जर्जर हैं। उसमें दरवाजे और खिड़की भी नहीं है। उन्होंने 22 जनवरी के हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा, सुविधाओं युक्त आवास के लिए कहा गया था, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा। उन्हें जबरदस्ती वहां भेजा जा रहा है।

ज्ञापन देने वालों को देखना तो चाहिए कि यहां संभाग स्तरीय बैठक चल रही है। वे सीधे नारेबाजी करने लगे। इसके चलते रोका गया– तुलाराम भारद्वाज, डिप्टी कलेक्टर, बिलासपुर।





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