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माता कौशल्या की जन्मतिथि खोज रही छत्तीसगढ़ सरकार: किसी ग्रंथ में जन्मतिथि का उल्लेख नहीं…मुख्यमंत्री ने इतिहासविदों और धर्मगुरुओं से मांगी मदद…कहा- पता लगाएं विद्वान

रायपुर/बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार भगवान राम की माता कौशल्या की जन्मतिथि खोज रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसके लिए इतिहासकारों, विशेषज्ञों और धर्मगुरुओं से मदद मांगी है। बताया जा रहा है, एक जन्मतिथि तय होने के बाद सरकार आधिकारिक तौर पर उस दिन राजकीय आयोजन करेगी। मान्यता है कि कौशल्या दक्षिण कोसल की राजकुमारी थीं। यह वही अंचल है जिसे अब छत्तीसगढ़ कहा जाता है।

बलाैदाबाजार के विप्र वाटिका में आयोजित सर्व ब्राह्मण समाज के शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विशेष रूप से माता कौशल्या और भगवान राम के साथ संबंधों की चर्चा की। मुख्यमंत्री ने इतिहासकारों, विशेषज्ञों और धर्मगुरुओं से माता कौशल्या की जन्मतिथि का पता लगाने के लिए अनुसंधान का आह्वान किया है। उन्होंने कहा, इस काम में सरकार भी उनकी यथासंभव मदद करेगी। रायपुर के प्रसिद्ध दूधाधारी मठ ने 2019 में इसकी कवायद शुरू की थी। नवम्बर 2019 में इस अभियान के तहत देश भर से इतिहास, पुरातत्व, ज्योतिष और धर्मग्रंथों के विद्वानों से प्रविष्टियां मंगाने का सिलसिला शुरू किया था। यह प्रविष्टियां 15 दिसम्बर 2019 तक दूधाधारी मठ के पते पर मंगाई जानी थी।

बाद में इसकी तारीख बढ़ा दी गई। मठ की ओर से घोषणा की गई थी कि माता कौशल्या की जन्मतिथि का सर्वोत्तम अनुमान लगाने वाले को 11 लाख रुपए और सम्मान पत्र दिया जाएगा। योजना थी कि प्रविष्टियों के आने के बाद विद्वानों की एक ज्यूरी उसका परीक्षण करेगी। उसके आधार पर एक सर्वमान्य तिथि तय कर माता कौशल्या की जन्मतिथि घोषित होगी। लेकिन कोरोना काल और दूसरी वजहों से ऐसा अभी तक हाे नहीं पाया है। अब मुख्यमंत्री ने खुद इसके लिए आह्वान किया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बलौदाबाजार पॉलीटेक्निक कॉलेज का नामकरण पूर्व सांसद और दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी करुणा शुक्ला के नाम पर करने की घोषणा की है।

किसी ग्रंथ में जन्मतिथि का उल्लेख नहीं

बताया जा रहा है, राम कथा से संबंधित किसी भी ग्रंथ में माता कौशल्या की जन्मतिथि आदि का विवरण उपलब्ध नहीं है। सरकार को लगता है कि कहीं तो कोई उल्लेख माता कौशल्या के जन्म अथवा उनकी जन्मतिथि का होगा। विद्वानों का कहना है कि इसके लिए भगवान राम की कुंडली के मातृभाव को भी आधार बनाया जा सकता है।

क्षेत्रीय पहचान से भी जुड़ा है सवाल

रामायण और पुराणों के मुताबिक कौशल्या तत्कालीन कौशल देश के राजा भानुमंत की पुत्री थीं। कौशल देश की पहचान छत्तीसगढ़ के रूप में सिद्ध हो चुकी है। बताया जाता है कि रायपुर से 25 किमी दूर चंद्रखुरी में ही कौशल्या का जन्म हुआ था। वहां उनका एक मंदिर है, जिसमें भगवान राम को गोद में लिए हुए कौशल्या की प्रतिमा है। पिछले साल ही राज्य सरकार ने राम वनगमन पथ पर्यटन सर्किट योजना के तहत इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराया है।

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