जांजगीर चांपा

अवैध प्लाटिंग की जमीनों की धड़ल्ले से हो रही रजिस्ट्रियां…दिखावा साबित हुआ अधिकारियों का सख्त रवैया।

जांजगीर चांपा। कलेक्टर श्री यशवंत कुमार सिंह ने नगर पालिका और उसके आसपास के क्षेत्र मे हो रहे अवैध कालोनियों के विकास को लेकर करीब अट्ठारह टीमें नगर पालिका क्षेत्रों मे गठित की थी। जिससे अवैध प्लाटिंग काटने वाले भू-माफिया मंदिर,सड़क,पानी,बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं का सब्जबाग दिखाकर भोली भाली जनता को गुमराह ना कर सके।

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कलेक्टर के आदेश के बाद से ही ऐसा लग रहा था कि जिले मे अवैध प्लाटिंग और अवैध कालोनियों के निर्माण मे पूर्णतः रोक लगेगी, किंतु यहां सब कुछ उसके विपरीत हुआ कलेक्टर के सख्त रवैये के बावजूद 3 माह पश्चात ही अवैध प्लाटिंग की जमीनों की रजिस्ट्रियां धड़ल्ले से  होने लगी है।

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उपपंजीयक कार्यालय सक्ती मे अवैध प्लाटों की रजिस्ट्रीयों के लिए कार्यालय खुलने के पूर्व से ही भू-माफियाओं की भीड़ लग जाती है। जमीनों की अवैध प्लाटिंग करने वाले, भू-माफिया रोज अनेको रजिस्ट्रीयां बेधड़क करा रहे है। राजस्व विभाग के अधिकारियों ने पटवारियों को केवल मौखिक ही बिक्री छांट के कागजात बनाने से मना किया था जिससे की राजस्व विभाग के अधिकारी अपना भाव बढ़ा सके।

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अवैध प्लाटों की कच्ची सड़कों को राजस्व विभाग जानबूझकर नहीं उखाड़ रहा है, क्योंकि मार्च महीने के अंत मे, उक्त अवैध प्लाटों की जमीनों की रजिस्ट्री भी करवानी है जिनसे उनके निहित स्वार्थ सिद्ध होंगे।

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राजस्व विभाग की सख्ती के बाद बढ़ गए बिक्री छांट के कागजातों के भाव-

पहले अवैध प्लाटों की जमीनों की बिक्री छांट के लिए अधिकारियों को 10,000 रुपए चढ़ावा मिलता था, किंतु अब 30,000 से 40,000 रुपए का चढ़ावा भू-माफियाओं को चढ़ाना पड़ रहा है।

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उप पंजीयक कार्यालय मे अवैध प्लाटों की रजिस्ट्रीयों के लिए अपनाए जा रहे हैं नए-नए तरीके

अवैध प्लाटों की रजिस्ट्रीयों के लिए नियमित रजिस्ट्रार जानबूझकर कुछ दिनों के लिए छुट्टी मे चले जाते है और प्रभारी उप पंजीयक के माध्यम से उक्त अवैध प्लाटों की रजिस्ट्रीयां कराते हैं ।

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SNN24 न्यूज़ को नाम न बताने की शर्त पर क्रेता ने बताया कि प्रत्येक रजिस्ट्री मे उप पंजीयक के द्वारा 10-20,000 रुपए की मांग पंजीयन शुल्क के अलावा की जा रही है, उन्होंने यह भी बताया कि भूमि स्वामी के आग्रह करने पर उप पंजीयक ने क्रेता से प्रत्येक रजिस्ट्री के लिए 5,000 रुपए लेकर रजिस्ट्री की है।

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विदित हो कि पूर्व मे भी मुरली तंबोली, आनंद एवं तत्कालीन उप पंजीयक श्री गुप्ता को घूस लेते तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सक्ती श्री पी.आर.उरांव ने रंगे हाथों पकड़ कर दंडात्मक कार्यवाही की थी।

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ऐसा ज्ञात होता है कि उप पंजीयक खेमूका और मुरली तंबोली जानबूझकर अवैध प्लाटों की जमीनों की रजिस्ट्रीयों के लिए ऐसा खेल खेल रहे है,जरूरत है इन सभी तथ्यों की जांच कर उचित कार्यवाही करने की।

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