कांकेर

पूर्व कांग्रेस विधायक ने लगाए सनसनीखेज आरोप: कहा- तत्कालीन एसपी ने दी थी एनकाउंटर की धमकी…इसलिए उपचुनाव में नाम वापस लिया

कांकेर जिले के अंतागढ़ विधानसभा सीट से 2023 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय मैदान में उतरने की घोषणा कर चुके मंतूराम पवार ने एक बार फिर अपने बयान से हलचल मचा दी है। उन्होंने तत्कालीन एसपी पर 2014 के उपचुनाव के दौरान नाम वापस लेने का दबाव बनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि एसपी ने बात नहीं मानने पर एनकाउंटर करने की धमकी भी दी थी।

मंतूराम पवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अंतागढ़ विधानसभा से इस साल होने वाले चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। इसी के साथ अब उन्होंने 2014 के अंतागढ़ उपचुनाव में नाम वापसी के पीछ की कहानी बताई है। उन्होंने तत्कालीन एसपी कांकेर पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने फोन पर नाम वापस लेने का दबाव बनाया था। साथ ही नाम वापस नहीं लेने पर कभी भी एनकाउंटर करने की बात कही थी।

मंतूराम ने कहा कि नक्सल इलाके का जनप्रतिनिधि होने के कारण उनके मन में डर बैठ गया था, जिसके कारण उन्होंने उपचुनाव से कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर अपना नाम वापस ले लिया था।इसी कारण बीजेपी प्रत्याशी को वॉकओवर मिल गया था। मंतूराम ने कहा कि उन्होंने न्यायालय में दिए गए अपने बयान में भी इस बात का जिक्र किया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने इस पूरे मामले की जांच करने की मांग की, ताकि नाम वापसी के लिए उनके ऊपर पैसे के लेनदेन के जो आरोप लगे हैं, वे खत्म हो जाएं।

वायरल हुआ था अंतागढ़ ऑडियो टेप

बता दें कि 2014 में केंद्र और राज्य दोनों में बीजेपी की सरकार थी। अंतागढ़ उपचुनाव के ठीक 4 दिन बाद मंतूराम पवार का एक ऑडियो टेप भी वायरल हुआ था। इस टेप कांड में खरीद-फरोख्त का जिक्र किया गया था। इसके बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने मंतूराम पवार को पार्टी से निष्कासित कर दिया था। इस टेप कांड के बाद वे बीजेपी में शामिल हुए, लेकिन जब उन्हें 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा से टिकट नहीं मिला, तो वे पार्टी विरोधी बयान देने लगे। इसके बाद बीजेपी से भी उन्हें निष्कासित कर दिया गया।

मंतूराम पवार का राजनीतिक सफर

मंतूराम पवार 1998 में कांग्रेस से विधायक बने। 2008 और 2013 में बीजेपी के प्रत्याशी रहे, हालांकि, उन्हें दोनों बार हार का सामना करना पड़ा। विक्रम उसेंडी को कांकेर लोकसभा से सांसद का टिकट मिलने पर 2014 में अंतागढ़ सीट पर उपचुनाव हुआ और कांग्रेस ने मंतूराम पवार को प्रत्याशी बनाया, लेकिन उन्होंने आखिरी दिन नाम वापस लेकर प्रदेश की राजनीति में भूचाल ला दिया था।

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