छत्तीसगढ़

नदी किनारे लगी ककड़ी , खीरा, तरबूज , खरबूज व सब्जी की फसल लाकडाउन के कारण बाजार में नहीं बिक पा रही है। इसके चलते किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। रविवार को डीडीए ने मौके का निरीक्षण किया व किसानों से इस संबंध में जानकारी ली। किसानों ने बताया कि मजबूरीवश उन्हें फसल मवेशियों को खिलाना पड़ रहा है।

शिवरीनारायण।नदी किनारे लगी ककड़ी , खीरा, तरबूज , खरबूज व सब्जी की फसल लाकडाउन के कारण बाजार में नहीं बिक पा रही है। इसके चलते किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। रविवार को डीडीए ने मौके का निरीक्षण किया व किसानों से इस संबंध में जानकारी ली। किसानों ने बताया कि मजबूरीवश उन्हें फसल मवेशियों को खिलाना पड़ रहा है।

लाकडाउन की वजह से किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। जिसकी वजह से उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर हो रही है। किसानों ने बताया कि पᆬसल को नहीं बेच पाने के कारण मजबूरी में वे इसे मवेशियों को खिला रहे हैं। वहीं इस वर्ष कुछ उम्मीद थी कि अच्छी आमदनी हो जाएगी तो परिवार का पालन पोषण बढ़िया होगा लेकिन लाकडाउन के गाइडलाइन की वजह से सब्जी बिक्री नहीं हो पा रही है। सब्जी बाड़ी में ही खराब हो रही है या फिर मवेशियों को खिलाना पड़ रहा है। ऐसे में किसानों ने सब्जी बिक्री की छूट देने की मांग की है। रविवार को कृषि विभाग के उपसंचालक एमआर तिग्गा यहां पहुंचे और किसानों से चचर्ाा की। मौके पर पूछताछ के समय एक महिला मानकी बाई केंवट बाड़ी में ही पᆬपᆬक-पᆬपᆬकर रो पड़ी और कहा कि बाजार में कर्ज लेकर खरबूज, तरबूज की खेती उनके द्वारा की गई है। इसे से जीवन-यापन होता है। लाकडाउन में उसकी बिक्री बंद किये जाने से उनके सामने आर्थिक समस्या खड़ी हो गई है ऐसे में वे अपना परिवार कैसे चलाएंगे। इसकी चिंता सता रही है। इसी तरह अन्य किसानों ने भी प्रशासन से इस संबंध में गुहार लगाई है और सब्जी भाजी बेचने के लिए छूट देने की मांग की है। डीडीए एम आर तिग्गा ने किसानों की समस्याएं सुनी और प्रशासन के सामने उनके बात रखने का आश्वासन दिया।

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