महासमुंद। सरायपाली पुलिस ने प्रतिबंधित कफ सिरप और टेबलेट के साथ तीन युवकों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनके पास से 500 नग वनरेक्स कफ सिरप और 600 नग एलप्रासेफ टेबलेट जब्त किया है। इसकी कुल कीमत 1.62 लाख रुपए है। साथ ही तस्करी में प्रयुक्त दो बाइक भी जब्त की गई है। तीनों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है। तीनों ओडिशा से प्रतिबंधित दवाएं लेकर सारंगढ़, बरमेकेला होते हुए सरायपाली आ रहे थे। पकड़े गए तीन आरोपी में से एक तस्करी का मास्टरमांइड है, जो पहले भी इस तरह के कारोबार में लिप्त था और पुलिस उसकी लंबे समय से इंतजार कर रही थी।

 

 

पुलिस अधीक्षक प्रफुल्ल कुमार ठाकुर ने कंट्रोल रूम में मामले का खुलासा किया। एसपी ने बताया कि लॉकडाउन के कारण क्षेत्र में नशे के कारोबार सहित नशीले पदार्थ की बड़ी खेप आने की सूचना मिली थी।इसी सूचना पर पुलिस की टीम को अलर्ट किया गया था। पुलिस को सूचना मिली की सारंगढ़ की ओर से बिना नंबर की दो बाइक में कुछ लोग प्रतिबंधित दवाओं का परिवहन कर रहे हैं। सूचना पर सरायपाली पुलिस की टीम को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया। सूचना पर टीम सारंगढ बाॅर्डर पर ग्राम पोड़ापाली के पास नाकाबंदी कर संदिग्ध बाइक का इंतजार कर रही थी। इसी दौरान दो बाइक आती दिखी, जिसमें नंबर प्लेट नहीं थे। दोनों बाइक सवार को पुलिस ने रोकने का प्रयास किया, लेकिन वे बाइक मोड़कर वापस सारंगढ़ की ओर भागने लगी। इसके बाद बाइक में सवार तीन लोगों को पकड़ा। इनके पास बैग में बड़ी मात्रा में कफ सिरप और नशीली टेबलेट थी।

 

तस्करों के पास जब्त टेबलेट और कफ सिरप दोनों प्रतिबंधित है और बिना डॉक्टर की पर्ची के इसे न तो बेचा जा सकता और न ही खरीदा जा सकता। मेंटल हेल्थ के नोडल अफसर डॉ छत्रपाल चंद्राकर ने बताया कि एलप्रासेफ टेबलेट नींद की दवा है, जिसे डॉक्टर मानसिक रोगी या फिर अन्य जरूरी रोगियों को उनकी समस्या देखकर लिखते हैं। इसी तरह कफ सिरप सामान्य तौर पर खांसी की दवा है, लेकिन ये भी प्रतिबंधित है। क्योंकि इसमें कोडिन होता है, जो एक प्रकार का ड्रग है। इसे लंबे समय तक लेने पर लोग इसके एडिक्ट हो सकते हैं।





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